Thursday 31 December 2015

Simhastha [Kumbh] Mahaparv Simhastha 2016 (उज्जैन का इतिहास )

Simhastha [Kumbh] Mahaparv Simhastha 2016 (उज्जैन का इतिहास )


उज्जैन भारत के मध्य प्रदेश राज्य का एक प्रमुख शहर है जो क्षिप्रा नदी के किनारे बसा है। यह एक अत्यन्त प्राचीन शहर है। यह विक्रमादित्य के राज्य की राजधानी थी। इसे कालिदास की नगरी के नाम से भी जाना जाता है। यहाँ हर 12  वर्ष पर सिंहस्थ कुंभ मेला लगता है। भगवान शिव के १२ ज्योतिर्लिंगों में एक महाकाल इस नगरी में स्थित है। उज्जैन मध्य प्रदेश के सबसे बड़े शहर इन्दौर से 55  कि॰मी॰ पर है। उज्जैन के प्राचिन नाम अवन्तिका, उज्जयनी, कनकश्रन्गा आदि है। उज्जैन मन्दिरो की नगरी है। यहा कई तीथ‍ स्थल है। इसकी जनसंख्या लगभग 5.25 लाख है।

TRAINING ON FOR SIMHASTHA ’16

The process is on to impart training to officers and employees for smooth conduct of Simhastha-2016 at Ujjain. So far, 6000 officers and employees have been trained. The state government has prepared programme to train staff of 35 departments for this. Almost all officers and employees of Ujjain district to be deployed in Simhastha have been trained. Arrangement of 32 master trainers has been made to impart training.

Wednesday 30 December 2015

सिंहस्थ के लिये 6000 हुए प्रशिक्षित



भोपाल (डेली हिंदी न्‍यूज़)। उज्जैन में वर्ष 2016 में होने वाले सिंहस्थ के दौरान व्यवस्था के सुचारु संचालन के लिये अधिकारी-कर्मचारियों को प्रशिक्षण देने का काम निरंतर जारी है। अब तक 6000 अधिकारी एवं कर्मचारी प्रशिक्षित किये जा चुके हैं।
राज्य सरकार के 35 विभाग के अमले को प्रशिक्षित किये जाने का कार्यक्रम तैयार किया गया है। उज्जैन जिले के लगभग सभी अधिकारी-कर्मचारी को प्रशिक्षित किया जा चुका है, जिनकी तैनाती सिंहस्थ में होगी। प्रशिक्षण देने के लिये 32 मास्टर-ट्रेनर की व्यवस्था की गयी है।

Seers accuse Madhya Pradesh government of tardy Kumbh Mela work, seek PM Modi's help

DHAR (MP): A seers' body has sought Prime Minister Narendra Modi's intervention in getting the "pending" works related to Simhastha Kumbh mela-2016 completed in time while accusing the Madhya Pradesh government of "lagging behind" schedule.

"On behalf of the 'Shatdarshan Sadhu Mandal', its president Pilot Baba has written a four-page letter to Prime Minister highlighting 10 points on the issue of Simhastha-2016 and sought an appointment with him. A total of 101 seers are waiting to meet Prime Minister," Narsinghdas Maharaj, the state secretary of the Mandal, said quoting from the letter today.
"The PM should intervene in Simhastha work and handover the entire work to his team of confidants," the seer said, adding that the government is "humiliating" them.

Tuesday 29 December 2015

सिंहस्थ 2016: 15 जनवरी तक पूरे होंगे 90 फीसदी निर्माण कार्य

उज्जैन  मध्य प्रदेश परिवहन और उज्जैन जिले के प्रभारी मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने उज्जैन में अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सिंहस्थ संबंधी 90 प्रतिशत काम 14 जनवरी तक पूरे कर लिए जाएं. 15 जनवरी को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान उज्जैन आकर इन कार्यों का लोकार्पण करेंगे.
जानकारी के मुताबिक सिंहस्थ के सभी कामों में से सबसे ज्यादा निर्माण कार्य लोक निर्माण विभाग के अधूरे हैं. मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने निर्देश दिए हैं कि विभाग मेले में किए जाने वाला गिट्टी और मुरम संग्रहण का काम समय से पहले शुरू कर दे. साथ ही विक्रम नगर रेलवे ओवर ब्रिज का काम समय-सीमा में खत्म किया जाए.

Monday 28 December 2015

सिंहस्थ में श्रद्धालुओं को मिलेगा देश के हर प्रांत का स्वाद

उज्जैन:

सिंहस्थ में श्रद्धालुओं को देश के हर प्रांत का स्वाद मिलेगा। देश की नामचीन संस्थाएं मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं को निशुल्क भोजन कराएंगी। संस्थाओं ने प्रमुख स्थानों पर जमीन आवंटन की मांग की है। आवेदन में लिखा है कि देश-विदेश से आने वाली जनता के लिए भोजन समेत अन्य सेवाकार्य के लिए उन्हें जमीन आवंटित की जाए। मेला प्रशासन संस्थाओं के बारे में जानकारी जुटा रहा है। विचार विमर्श के बाद संस्थाओं को जमीन उपलब्ध कराई जाएगी।

सिंहस्थ में मालवा के मशहूर दाल बाफले के साथ दक्षिण के इडली डोसा का स्वाद भी श्रद्धालु चख सकेंगे। गुजरात, उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, हरियाणा, उड़ीसा, दक्षिण भारत के बेंगलुरू, उत्तराखंड एवं जम्मू कश्मीर की संस्थाओं ने सेवाकार्य के लिए जमीन आवंटन की मांग की है।

ताड़केश्वर रामेश्वर चैरिटेबल ट्रस्ट (पाली राजस्थान) के कमल किशोर शर्मा ने बताया कि सिंहस्थ के दौरान ट्रस्ट की ओर से प्रमुख पर्व के दिन अलग-अलग व्यंजन श्रद्धालुओं को परोसा जाएगा। दिल्ली के मनोहर शााी भी भंडारा चलाएंगे। अमृतसर के कश्मीर सिंह भूरीवाले ने बताया कि अलग-अलग दिनों में व्यंजन की व्यवस्था भी बदलती रहेगी।

Saturday 26 December 2015

धर्म ध्वजा लहराई, शुरू हुआ कुंभ मेला :

धर्म ध्वजा लहराई, शुरू हुआ कुंभ मेला :
सूर्य और बृहस्पति के सिंह राशि में प्रवेश के साथ ही मंगलवार को नासिक सिंहस्थ कुंभ का आगाज हो गया। भारतीय पंचांग के अनुसार जब सूर्य और बृहस्पति एक साथ सिंह राशि में प्रवेश करते है, तब पुरोहित संघ की ओर से धर्म ध्वजा फहराई जाती है और उसके साथ ही नासिक तथा त्र्यंबकेश्वर में सिंहस्थ कुंभ की शुरुआत होती है। मेले की औपचारिक शुरुआत धर्म ध्वजा फहराने से हुई। पहले दिन कुशावर्त और रामकुंड में हजारों श्रद्धालुओं ने पवित्र गोदावरी में डुबकी लगाई। इस पताका को बनाने में करीब दो लाख रुपये खर्च हुए हैं। कुशावर्त में 31 फुट ऊंची धर्म ध्वजा फहराई गई है। कल तक एक दूसरे के आयोजन में नहीं जाने की चेतावनी देने वाले महंतों ने सामूहिक रूप से इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस दौरान आकाश से हेलीकॉप्टर के जरिए पुष्पवर्षा की गई। नासिक के रामकुंड में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और त्र्यंबकेश्वर (कुशावर्त) में केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह तथा महाराष्ट्र की महिला व बाल विकास मंत्री पंकजा मुंडे की उपस्थिति में साधु-संतों व अखाड़ों के महंतों ने मंत्रोच्चार के साथ ध्वजारोहण किया। पंच धातुओं के मिश्रण से तैयार की गई 50 किलोग्राम की धर्म ध्वजा में गुरु, सूर्य, चंद्र, गोदावरी व वाहन मगर, 10 दिशा, 12 राशि, ओम और स्वस्तिक के चिह्न बनाए गए हैं। इस बार मेले के दौरान तीन दिन, 29 अगस्त और 13 तथा 25 सितंबर को शाही स्नान होगा। इस अवसर पर नासिक में 80 लाख से एक करोड़ तथा त्र्यंबकेश्वर में 25-30 लाख श्रद्धालुओं के जुटने की उम्मीद है।


reffered from: www.amarujala.com/

Friday 25 December 2015

किन्‍नर अखाड़े को अब तक नहीं मिली जमीन

उज्जैन:

पहली बार शामिल 
होगें सिंहस्थ मैं किन्नर भी , और उनके लिए अलग से अखाड़े की जमीं भी दी जाएगी। लेकिन किन्‍नर अखाड़े को सिंहस्थ में कैंप लगाने के लिए अब तक जमीन आवंटित नहीं हुई है। अब अखाड़े के प्रतिनिधि प्रभारी मंत्री से मिलकर जमीन सहित अन्य सुविधाओं की मांग करेंगे।
अखाड़े के संरक्षक ऋषि अजयदास ने बताया कि किन्न्र अखाड़े का कैंप लगाने के लिए आवेदन देकर चिंतामण मेला क्षेत्र में 15 बीघा जमीन चाही है। मेला प्रशासन ने अब तक जमीन आवंटन संबंधी जानकारी उपलब्ध नहीं कराई है। जमीन आवंटन के साथ अन्य अखाड़ों के समान मेला प्रशासन से सुविधा भी मांगी जाएगी।

सिंहस्थ में सात चरण पादुकाओं की सुरक्षा करेंगे 1700 नागा कमांडो

संतोष उपाध्याय, उज्जैन(मध्‍यप्रदेश)। सिंहस्थ में अपने गुरुओं की बेशकीमती चरण पादुकाओं की सुरक्षा के लिए सात संन्यासी अखाड़ो  के 1700 नागा कमांडो तैनात होगें । सात गुरुओं की सात चरण पादुकाएं और गुरु महाराज के मंदिर अखाड़ो  के भीतर मुख्य स्थान पर होगें। मंदिर के पास सोने-चांदी और रत्नजड़ित सिंहासन रखे होगें। इन्हीं पर चरण पादुकाएं रखी जाएंगी।

इनके दर्शन करने के लिए बाहरी व्यक्ति को त्रिस्तरीय सुरक्षा जांच से गुजरना होगा। इस बार सिंहस्थ में संन्यासी 
अखाड़ो  के पांच लाख नागा साधुओं के आने की संभावना है। दरअसल, तीन वैष्णव, तीन उदासीन और सात संन्यासी अखाड़ो  में से केवल संन्यासी अखाड़ो  में स्वयं की सुरक्षा व्यवस्था की परंपरा है। ये पुलिस प्रशासन के अलावा अपनी अलग सुरक्षा व्यवस्था भी करते हैं।

Thursday 24 December 2015

सिंहस्थ में सहयोग करेंगे निजी अस्पताल

उज्जैन: 

सिंहस्थ के दौरान निजी अस्पतालों को आपात कालीन स्थिति से निपटने के लिए अपने यहां पूरी व्यवस्था करनी होगी। साथ ही अस्पतालों 5-10 बेड जरूरत पडऩे पर देने होंगे। ये निर्देश स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त संचालक डॉ. निधि व्यास ने दिए।
बुधवार को सीएमएचओ दफ्तर में निजी अस्पताल संचालकों के साथ सिंहस्थ की स्वास्थ्य तैयारियों को लेकर बैठक रखी गई थी। बैठक में आखिरी समय में सीएमएचओ भाग नहीं ले सके। उन्हें इमरजेंसी में एनएचएम के संचालक डॉ. बीएन चौहान के साथ जाना पड़ा। इसके बाद भी एक घंटे तक मीटिंग चली। इसमें निजी अस्पताल संचालकों से उनकी सलाह मांगी गई। निजी अस्पताल संचालकों ने सिंहस्थ के दौरान स्वास्थ्य विभाग को हर तरह की मदद के लिए तैयार दिखे। हालांकि जितने अस्पताल संचालकों को बुलाया गया था, उतने आए नहीं। जेडी डॉ. व्यास ने बाद में सीएमएचओ से इस संबंध में विस्तार से चर्चा की। सिंहस्थ में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर गंभीर स्वास्थ्य विभाग अपने साथ आपातकालीन सेवाओं के लिए निजी अस्पतालों जोड़ रहा है।
Reffered from: http://mp.patrika.com

निरंजनी अखाड़े ने महामण्डलेश्वरो के लिए 75 एकड़ जमीन मांगी


उज्जैन :

तपोनिधि पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी ने मेला प्रशासन से महामंडलेश्वरों के शिविर के लिए 75 एकड़ जमीन आवंटन की मांग की है।इसके पूर्व श्री निरंजनी और आनंद अखाड़े ने जमीन आवंटन के लिए एक सौ एक मण्डलेश्वरो   की लिस्ट प्रशासन को सौपी थी। मेला पृबन्धक  महंत रवींद्र पुरीजी महाराज ने मंडलेश्वरनगर बसाने के लिए बड़नगर रोड पर जमीन की मांग की है।देश के चार स्थानों पर लगने वाले कुंभ में श्री निरंजनी अखाड़े के साथ आनंद अखाड़े का शिविर लगता है। शाही स्नान में भी दोनों अखाड़े साथ-साथ शामिल होते हैं। महंत रवींद्र पुरी ने बताया कि अखाड़े के साथ कुंभ मेले में महामंडलेश्वर अलग से शिविर लगाते हैं। मेला प्रशासन ने बड़नगर रोड एवं उजड़खेड़ा में जमीन तय की है। जमीन आवंटित होते ही शिविर की तैयारियां प्रारंभ हो जाएंगी।


हर की नगरी में हरि ने किया बांसुरी की तान से शिप्रा का अभिषेक



उज्जैन:- भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षा स्थली में शिप्रा किनारे संस्कृति विभाग द्वारा सिंहस्थ-2016 के स्वागत में आयोजित अनुगूंज की तीसरी शाम बुधवार को ख्यात बांसुरी वादक पंडित हरिप्रसाद चौरसिया व उनकी शिष्य परंपरा के कलाकारों ने ऐसी तान छेड़ी कि कड़कड़ाती सर्दी की परवाह किए बगैर लोग बंधे बैठे रहे। इसके साथ ही अनुगूंज का समापन भी हो गया।
Reffered from:  http://naidunia.jagran.com

Wednesday 23 December 2015

उज्जैन में अखाड़ों के सम्पर्क अधिकारी निभा रहे महत्वपूर्ण भूमिका

13 अखाड़ों में चल रहे हैं काम उज्जैन में वर्ष-2016 में होने वाले सिंहस्थ में प्रत्येक अखाड़े के लिये एक सम्पर्क अधिकारी नियुक्त किया गया है। सभी 13 अखाड़ों के लिये नियुक्त सम्पर्क अधिकारी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर रहे हैं। यह अधिकारी नियमित रूप से सिंहस्थ क्षेत्र में पहुँचकर अखाड़ा प्रतिनिधियों के साथ चर्चा कर काम में आ रही दिक्कतों की जानकारी लेते हैं। अखाड़ा स्थलों पर विभिन्न शासकीय विभाग द्वारा कार्य किये जा रहे हैं। सम्पर्क अधिकारी प्राप्त जानकारी मेला कार्यालय में उच्च अधिकारियों को देने का भी काम कर रहे हैं। इन अधिकारियों की सूची और उनके मोबाइल नम्बर सिंहस्थ की अधिकृत वेबसाइट www.simhasthujjain.in  पर अपलोड है।

सिंहस्थ क्षेत्र में आने वाला प्रत्येक व्यक्ति बीमित हो जायेगा



उज्जैन में वर्ष 2016 में होने जा रहे सिंहस्थ के व्यापक प्रचार-प्रसार के उद्देश्य से बाइकर्स दल देश के विभिन्न क्षेत्र के लिये निकले हैं। यह दल 19 हजार किलोमीटर की दूरी तय कर विभिन्न नगर में सिंहस्थ-2016 का आमंत्रण देंगे। नई दिल्ली में बाइकर्स दल का सहयोग करने वाले महेश सिंह राणा ने पिछले दिनों वैष्णो देवी पहुँचकर सिंहस्थ की प्रचार सामग्री श्रद्धालुओं में वितरित की। इस दौरान उन्होंने माँ वैष्णो देवी मंदिर के महंत अमीरचन्द को भी सिंहस्थ संदर्भ की प्रचार सामग्री भेंट की। बाइकर्स दल ने हरिद्वार के प्रमुख आश्रम और मंदिरों में पहुँचकर श्रद्धालुओं को सिंहस्थ का आमंत्रण दिया। इसके साथ ही दल ने हरिद्वार में पतंजलि योगपीठ पहुँचकर आचार्य बालकृष्ण को भी सिंहस्थ की प्रचार-सामग्री भेंट की। डिजिटल मीडिया पर भी छाया है सिंहस्थ उज्जैन में प्रत्येक 12 वर्ष के अंतराल में होने वाले सिंहस्थ-2016 के व्यापक प्रचार-प्रसार के लिये डिजिटल मीडिया का भी सहारा लिया जा रहा है। राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सिंहस्थ

Tuesday 22 December 2015

कहानी भस्म आरती की

महाकालेश्वर मंदिर : भस्म आरती :

महाकालेश्वर मंदिर जहां प्राचीन समय में भस्म आरती पवित्र राख के साथ की जाती थी,  वह राख चिता द्वारा उत्पन्न हुयी गर्म और जलती राख होती थी
ऐसा कहा जाता है कि वह राख जिससे शिवलिंग को रोज सुबह नहलाया जाता था उस समय वह एक लाश की कि होना चाहिए, जो एक दिन पहले दाह गयी हो|
हालांकि, अब लगभग 15 वर्षों के बाद से मंदिर भस्म के साथ आरती की प्रदर्शित कर रहा हे जो गाय के गोबर से बानी होती हे जिसे हम विभूति कहते है |
किंवदंती है कि जो इस अनुष्ठान में सम्मिलित होते है उनकी अकाल मृत्यु कभी नहीं होती है, सबसे बुनियादी रूप के लिए इसकी चिता पूरी तरह से माया को कम करने के लिए है: विभूति (भस्म)

इस सवाल का जवाब केवल तभी पाया जा सकता है,जब आप यह समझने की कोशिश करेंगे की शिव और नारायण  माया के साथ कैसे व्यवहार करते थे| चेतना के शिखर तक पहुँचने के दो तरीके है: पहला दाहिना हाथ(मुख्य रूप से अघोरी और तांत्रिक द्वारा अपनाया जाने वाला) दूसरा बायां हाथ (वैष्णव और शिव द्वारा अपनाया जाने वाला और योग के चार रास्तों के रूप में अपनाया जाने वाला)लेकिन यह फर्क क्यों जबकि यह दोनों रस्ते हमे मोक्ष तक ले जा रहे है..?

Saturday 19 December 2015

चमत्कारिक भूतेश्वर नाथ शिवलिंग हर साल बढ़ती है इसकी लम्बाई

छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के मरोड़ा गांव के घने जंगल में भूतेश्वर नाथ के नाम से विख्यात एक विश्व का सबसे बड़ा प्राकृतिक शिवलिंग स्थित है| यह ज़मीं से लगभग 18 फ़ीट ऊँचा और 20 फ़ीट गोलाकार है, और सबसे बड़ी आश्चर्यजनक बात यह है की] यह हर साल अपने आप बढ़ता जा रहा है। राजस्व विभाग द्वारा हरवर्ष इसकी लम्बाई जाँची जाती है जो लगातार 6 से 8 इंच बढ़ती जा रही है।

Friday 18 December 2015

उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर

महाकालेश्वर मंदिर उज्जैन के पवित्र शहर में हिंदुओं के सबसे शुभ मंदिरों में से एक माना जाता है। यह मंदिर एक झील के पास स्थित है। इस मंदिर में विशाल दीवारों से घिरा हुआ एक बड़ा आंगन है। इस मंदिर के अंदर पाँच स्तर हैं और इनमें से एक स्तर भूमिगत है। दक्षिणमूर्ति महाकालेश्वर की मूर्ति को दिया गया नाम है तथा इसमें देवता का मुख दक्षिण की ओर है।

यह मंदिर भारत के बारह ज्योर्तिलिंगों में से एक माना जाता है। स्थानीय लोगों का ऐसा मानना है कि भगवान को एकबार

चढ़ाया हुआ प्रसाद फिर से चढ़ाया जा सकता है तथा यह विशेषता केवल इसी मंदिर में देखी जा सकती है। इस मंदिर में स्थित मूर्ति ओंकारेश्वर शिव की है और देवता महाकाल तीर्थ के ऊपर गर्भगृह को समर्पित है।

Thursday 17 December 2015

HIGH-TECH ARRANGEMENTS BEING MADE FOR SIMHASTHA

UJJAIN MAKES HIGH-TECH ARRANGEMENTS TO ORGANISE SIMHASTHA


High-tech arrangements are being made for Simhastha to be held in 2016 in Ujjain. Location of all electric poles installed in 22 sectors of 6 zones will be shown on GIP map. Due to this system, devotees and Government employees can use pole numbers very easily in case of any power-related incident in Mela area.

For smooth conduct of the scheme, Ujjain Commissioner Ravindra Pastor has directed Zonal Officer of Madhya Pradesh Western Region Power Distribution Commission to inscribe numbers of electric poles in all 22 sectors.

Wednesday 16 December 2015

सिंहस्थ उज्जैन 2016



उज्जैन:
उज्जैन, मध्य प्रदेश के क्षिप्रा नदी के तट पर स्थित है। यह भी इंद्रपुरी अमरावती, और अवंतिका के रूप में जाना जाता है। कई मंदिर के स्वर्ण टावरों की संख्या ज्यादा होने क कारण उज्जैन को स्वर्ण श्रृंगा के रूप से भी जाना जाता है।
उद्धार और मोक्ष के सात शहरों में से एक उज्जैन में अवंतिका नगर है, जहां 7 सागर तीर्थ, 28 तीर्थ, 84 सिद्ध लिंग, 25-30 शिव लिंग, अस्थभैरव, एकादस रुद्रस्थान,सेकड़ो देवी-देवताओ के लिए मंदिर, जलकुण्ड और स्मारक है।

महाकालेश्वर मंदिर उज्जैन के पवित्र शहर में हिंदुओं के सबसे शुभ मंदिरों में से एक माना जाता है। यह मंदिर एक झील के पास स्थित है। इस मंदिर में विशाल दीवारों से घिरा हुआ एक बड़ा आंगन है।

SMTMC issues instructions

Discard use of polythene


Ujjain : Officials of Shri Mahakaleshwar Temple Management Committee (SMTMC) have issued strict instructions to all licensed photographers to discard the use of polythene packets otherwise disciplinary action will be taken against them.

Mahakaleshwar temple has been declared polythene free by the temple committee despite all the licensed 25 photographers of the temple were giving photographs to the devotees in polythene packets. After this issue was raised by media, officials woke up from somber sleep and directed photographers to discard the use of poly packets. Assistant administrator Priti Chauhan said that they are committed to make temple polythene free and will cancel the license if we find any photographer using poly packets.


Tuesday 15 December 2015

Simhastha: Akhara parishad warns Madhya Pradesh govt of boycotting Shahi Snan


INDORE: Members of akhara parishad on Monday warned the state government of boycotting the holy bath in Kshipra during Simhastha 2016, if the river is not cleaned before the festival in Ujjain.

The warning came after delegation led by akhara parishad president Narendra Giri and secretary Hari Giri, reached Kshipra river in Ujjain to take stock of Simhastha 2016 preparations.

They said that chief minister Shivraj Singh Chouhan had been claiming to have linked Narmada with Kshipra river. "Is this what he has claimed? River Kshipra is in a sorry state. He only makes claims and does not specify the date when Narmada will be merged with Kshipra and the river will be cleaned," they said.

Saturday 12 December 2015

Devotees in Simhastha with plastic Money


Devotees can visit Simhastha with plastic money



Devotees visiting Simhastha (Kumbh) Mela-2016 in Ujjain will not have to carry cash as all nationalised and private banks are making preparations to make the festive gathering a cashless event.“The banks will issue Simhastha Debit Cards. Besides, over 100 ATMs will also be established in Mela area. Not only this, nationalised and private banks would also undertake Simhastha-related publicity on their websites and invite devotees from all over the country to use their debit cards during Simhastha,” an official release said on Thursday.


Thursday 10 December 2015

Ozone to clean Kshipra for Simhastha Visitor

Clean City : Clean Kshipra for Simhastha Visitor 

INDORE: Ozone gas will now used to clean and refine water in Kshipra stream for pilgrims taking a sacred plunge between Simhastha 2016.

Ujjain organization is wanting to discharge rises of ozone from the base of the waterway through pipelines to clean stream water between the celebration. The task is required to cost of Rs 9 crore. "This is likely without precedent for the nation that ozone gas will be utilized to clean water between a mammoth social affair of individuals," Ujjain divisional magistrate

Welcome to Simhasth Ujjain 2016

Simhastha:

Holy site celebrations in India, called melas, are a vital part of the journey custom of Hinduism. Celebrating a legendary occasion in the life of a god or an auspicious visionary period, the melas attract in huge quantities of travelers from everywhere throughout the nation. The best of these, the Kumbha Mela, is a riverside celebration held four times at regular intervals, rotating between Allahabad at the intersection of the Ganges, Yamuna and Saraswati streams; Nasik on the River Godavari; Ujjain on the River Sipra ; and Haridwar on the River Ganges. It is said that during the Kumbh Mela bathing in these Rivers considered as an incredible legitimacy, purifies both soul and body.