शाही स्नान के दौरान दोपहर बाद अचानक मौसम बदला। रुक-रुककर तीन घंटे तक तेज हवा चली और बारिश हुई। आंधी चलने से मेला क्षेत्र के पंडाल और गेट उड़ गए। इससे 16 लोग घायल हुए हैं। इनमें से एक को इंदौर रैफर किया है।
सुनीता पति जयपाल निवासी बमोरी रामनगर इंदौर सोमवार को भूखी माता क्षेत्र में स्नान के बाद चेंजिंग
रूम में कपड़े बदल रही थी। तेज हवा से चेंजिंग रूम के साथ में वह नदी में चली गई। उसे एनडीआरएफ के जवानों ने नदी से बाहर निकाल जान बचाई।
आगे क्या
मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है कि मंगलवार को 28 से 30 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं। बुधवार को भी हवा की गति 40 तक पहंुच सकती है।
आधे शहर में 20 घंटे जाम3 कारण जिससे इस बार कम हुआ नुकसान|
अलर्ट जारी :मौसम विभाग ने चेतावनी जारी कर दी थी। प्रशासन के अलर्ट के बाद लोग सतर्क रहे। आंधी-बारिश शुरू होने के तत्काल बाद लोग पंडाल से बाहर निकल आए।
तेज राहत : प्रशासनिक अमला तैयार था, इसलिए राहतकर्मियों को तत्काल मैदान में उतार दिया। पंडाल के व्यवस्थापक भी तत्काल राहत में जुट गए।
read more: Simhastha ujjain 2016
सुनीता पति जयपाल निवासी बमोरी रामनगर इंदौर सोमवार को भूखी माता क्षेत्र में स्नान के बाद चेंजिंग
रूम में कपड़े बदल रही थी। तेज हवा से चेंजिंग रूम के साथ में वह नदी में चली गई। उसे एनडीआरएफ के जवानों ने नदी से बाहर निकाल जान बचाई।
- 60 पंडाल ध्वस्त हुए मंगलनाथ क्षेत्र में। सबसे ज्यादा नुकसान इसी क्षेत्र में हुआ।
- 30 से ज्यादा पंडालों के द्वार भी गिर गए। पंडालों में बने कॉटेज भी धराशायी हुए।
- 12 से ज्यादा पेड़ गिरे। आधा दर्जन गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गई। कई होर्डिंग्स भी गिर गए।
- 10 हजार दोपहिया, चार पहिया वाहन पूरे शहर में रुक-रुककर जाम में फंसे रहे। इससे भारी परेशानी हुई।
- 05 घंटे लगे रात 11 बजे तक मुल्लापुरा से सांवराखेड़ी बायपास होते हुए नानाखेड़ा तक पहंुचने में।
- 02 लाख लोगों को बार-बार लग रहे जाम के कारण परेशान होना पड़ा। कई लोग रास्ता बदलकर गए।
आगे क्या
मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है कि मंगलवार को 28 से 30 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं। बुधवार को भी हवा की गति 40 तक पहंुच सकती है।
आधे शहर में 20 घंटे जाम3 कारण जिससे इस बार कम हुआ नुकसान|
अलर्ट जारी :मौसम विभाग ने चेतावनी जारी कर दी थी। प्रशासन के अलर्ट के बाद लोग सतर्क रहे। आंधी-बारिश शुरू होने के तत्काल बाद लोग पंडाल से बाहर निकल आए।
तेज राहत : प्रशासनिक अमला तैयार था, इसलिए राहतकर्मियों को तत्काल मैदान में उतार दिया। पंडाल के व्यवस्थापक भी तत्काल राहत में जुट गए।
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