Monday 16 May 2016

बर्बाद हो गए करोड़ों के होर्डिंग्स और ग्लो साइन बोर्ड

 कुुंभ में सरकार समेत बड़े संतों ने प्रचार-प्रसार के लिए करोड़ों स्र्पए खर्च कर दिए। खर्च का अनुमानित आंकड़ा 30 करोड़ स्र्पए है लेकिन सिंहस्थ खत्म होने से पहले ही करोड़ों के होर्डिंग्स, ग्लो साइन बोर्ड बर्बाद हो गए। हजारों ग्लो साइन बोर्ड बारिश व आंधी सहित तकनीकी खराबी से बंद पड़े हैं। सरकार के करीब 7 हजार पोल में से लगभग आधे बंद हैं। ऐसे में प्रचार-प्रसार के लिए खर्च किए गए करोड़ों स्र्पए पानी में बह गए।


इस सिंहस्थ मप्र सरकार समेत साधु-संतों नेे खूब प्रचार-प्रसार किया। प्रदेश सरकार ने मेला क्षेेत्र में 12 हजार बिजली के पोलों पर छोटे-बड़े 10 हजार से ज्यादा होर्डिंग्स और शहर में प्रवेश 6 रास्ते व मेला क्षेत्र में करीब 7 हजार ग्लो साइन बोर्ड लगवाए गए। जिस पर लाखों स्र्पए खर्च किए गए। होर्डिंग्स संचालकों की माने तो अकेले होर्डिंग्स, ग्लो साइन बोर्ड पर भी सरकार व साधु-संतों ने 30 करोड़ स्र्पए से ज्यादा खर्च किए किंतु ये सिंहस्थ पूरा होने तक भी नहीं टिक पाए। 5, 7 एवं 9 मई को बारिश व तेज आंधी ने सैकड़ों होर्डिंग्स व ग्लो साइन बोर्ड खराब कर दिए।
यहां खराब हो गए ग्लो साइन बोर्ड

उज्जैन में प्रवेश के प्रमुख छह रास्ते इंदौर रोड, देवास रोड, आगर रोड, मक्सी रोड, उन्हेल रोड व बड़नगर रोड समेत पूरे मेले में ग्लो साइन बोर्ड लगाए गए थे। जिसमें सीएम शिवराजसिंह चौहान के फोटो व श्रद्धालुओं को सिंहस्थ के आमंत्रण का उल्लेख है। बारिश व आंधी चलने के कारण इनमें से आधे ग्लो साइन बोर्ड खराब हो चुके हैं।
- इंदौर रोड पर हरिफाटक ब्रिज से महामृृत्युंंजय द्वार तक लगे बोर्ड में कई बंद पड़े हैं।
- नानाखेड़ा बस स्टैंड से तीन बत्ती चौराहे पर भी बोर्ड बंद है।
- मक्सी रोड स्थित ब्रिज के बोर्ड फट चुके हैं। तकनीकी खराबी भी आई है।
- मेला क्षेत्र में भी आधे से ज्यादा ग्लो साइन बोर्ड बंद पड़े हैं।

फिर भी भीड़ नहीं आई

इस सिंहस्थ में प्रदेश सरकार ने देशभर में प्रचार-प्रसार किया। मेला क्षेत्र से लेकर टे्रन, बस समेत प्रदेश के अलग-अलग शहरों में प्रचार का श्रद्धालुओं को उज्जैन आने का बुलावा दिया गया। बावजूद उम्मीद के मुताबिक भीड़ नहीं आ पाई। 22 अप्रैल को पहले अमृत स्नान में औसत 1 करोड़ द्धालुओं के आने का दावा भी फेल हो गया। अब सरकार को उम्मीद है कि 21 मई के अंतिम अमृत स्नान में भीड़ आएगी।

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