Thursday 12 May 2016

पंचकोसी यात्रियों के टॉयलेट निर्माण में 3 करोड़ का घोटाला


पंचकोसी यात्रियों के लिए बनाए 3.42 करोड़ रुपए के टॉयलेट में घोटाला होने का मामला सामने आया है। जिला पंचायत सीईओ रुचिका चौहान की जांच रिपोर्ट में टॉयलेट का निर्माण बेहद घटिया तरीके से होना बताया गया है। लापरवाही के लिए सीधे तौर पर नगर निगम के सहायक यंत्री पीयूष भार्गव को दोषी माना है।

कार्रवाई के लिए रिपोर्ट कलेक्टर, नगर निगम आयुक्त, संभागायुक्त सहित नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के प्रमुख सचिव को भेज दी गई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि सिंहस्थ पंचकोसी यात्रा मार्ग और पड़ाव पर 3700 टॉयलेट बनाने थे। मॉनीटरिंग और कार्य की गुणवत्ता का दायित्व नगर निगम के सहायक यंत्री पीयूष भार्गव का था। टॉयलेट उचित गुणवत्ता के नहीं बनाए गए इसकी रिपोर्ट नोडल अधिकारी और तहसीलदारों ने दी है।

टॉयलेट की नंबरिंग, उनमें लाइट लगाना, आसपास चूरी डलवाने, साफ-सफाई के इंतजाम भी नहीं किए। ऐसे में पंचकोसी यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ा। पड़ाव स्थलों पर निरीक्षण पंजी में भार्गव की टीप भी नहीं पाई गई। इससे प्रमाणित होता है कि मॉनीटरिंग में गंभीर लापरवाही बरती गई है। जिपं सीईओ ने कार्रवाई का प्रस्ताव भेजा है।

ऐसे बनाए थे टॉयलेट

निर्माण एजेंसी नगर निगम ने कच्चे सेप्टीटेंक का बेस बल्ली पर पल्ली व काली मिट्टी बिछाकर तैयार करवाया है और ढांचा हवा में उड़ जाए ऐसी पतले एंगल और पतरों से कराया था। जिला पंचायत अध्यक्ष महेश परमार और उपाध्यक्ष भरत पोरवाल ने इन टॉयलेट का निरीक्षण 29 अप्रैल को कर संभागायुक्त डॉ. रवींद्र पस्तौर को शिकायत की थी। कहा कि शौचालय बेहद घटिया हैं। 9250 स्र्पए का शौचालय बनाने में ठेकेदार ने 3 हजार स्र्पए भी नहीं खर्चें हैं। श्रद्धालुओं के साथ हादसा हो सकता है।

100 करोड़ के भ्रष्टाचार का आरोप, ईओडब्ल्यू को शिकायत

जिला पंचायत उपाध्यक्ष भरत पोरवाल ने टॉयलेट मामले में पीयूष भार्गव पर 100 करोड़ स्र्पए से ज्यादा का भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया है। जांच और कार्रवाई के लिए आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ के एसपी को शिकायती पत्र भेजा है। पीयूष भार्गव ने अपने खिलाफ शिकायत और जांच किए जाने से अनभिज्ञता जाहिर की है।

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