Wednesday 18 May 2016

मठ की जमीन के लिए शिप्रा तट पर सत्याग्रह करेंगे सुप्रीम कोर्ट बाबा


शासकीय तिलभांडेश्वर महादेव मंदिर देवस्थान मठ तराना उज्जैन की जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए महंत डॉ.प्रकाशानंद भारती नागाबाबा उर्फ सुप्रीमकोर्ट बाबा अब सिंहस्थ मेले में शिप्रातट पर दत्त अखाड़े के पास लगे तंबू के बाहर सत्याग्रह करेंगे। जमीन को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए सुप्रीमकोर्ट तक आदेश पारित कर चुकी है। इसके बावजूद प्रशासनिक अधिकारियों ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की। इससे नाराज बाबा ने मंगलवार को आंदोलन की चेतावनी दी।

सुप्रीमकोर्ट बाबा के मुताबिक 18 मार्च 2016 को राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव धार्मिक न्यास
विभाग, कमिश्नर, कलेक्टर सभी को रजिस्ट्री द्वारा पत्र भेजकर समस्याओं के निराकरण की मांग की थी। तराना स्थित मठ पंच दशनाम जूना अखाड़ा काशी उत्तर प्रदेश के अधीन है। 8 जून 1987 में उन्हें मठ का पुजारी एवं महंत नियुक्त किए जाने के बाद से मंदिर की जमीन पर कुछ लोगों ने अतिक्रमण कर रखा है। इसे लेकर उच्च न्यायालय नई दिल्ली तक ने अतिक्रमण करने वालों ने याचिकाएं लगाई लेकिन उन्हें खारिज कर दिया गया। अंतत: सुप्रीमकोर्ट में याचिका लगाई जिसे 14 नवंबर 2005 को खारिज कर अतिक्रमण हटाने के आदेश पारित किए लेकिन आज तक अतिक्रमण नहीं हटा। अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत नरेन्द्र गिरि को भी इसकी शिकायत की। इससे परेशान होकर अब बाबा ने 20 मई से मप्र शासन के विरुद्ध सत्याग्रह करने की चेतावनी दी है। इसलिए पड़ा सुप्रीमकोर्ट बाबा नाम योग, ध्यान की क्रियाएं करने में माहिर बाबा जूना अखाड़े से जुड़े हैं। जब मठ की जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए मामला कोर्ट तक पहुंचा तो उनका वकील पक्ष रखने में कमजोर साबित हुआ। इस दौरान बाबा ने वकील को केस मजबूत करने के लिए पीछे से गाइड किया। अंतत: कोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला सुनाया। इसके बाद से गांव के लोग और बाबा के अनुयायी उन्हें सुप्रीमकोर्ट बाबा के नाम से पुकारने लगे। 

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