Monday 9 May 2016

राष्ट्र रक्षा महाकुंभ के बहाने संघ ने मुस्लिमों को जुटाया, सशक्त भारत बनाने का संकल्प

राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच के बैनर तले सिंहस्थ में रविवार को हुए एक सम्मेलन में आरएसएस ने मुस्लिमों को भी जुटाया। बड़नगर रोड़ स्थित स्वामी अव‌धेशानंदगिरि महाराज के कैंप में आयोजित सम्मेलन में 400 मुस्लिम भी शामिल हुए। सम्मेलन में सभी ने कहा- देशभक्ति-देशप्रेम सबसे बढ़कर है। सभी मिलकर दंगा मुक्त, हिंसामुक्त और सशक्त भारत-समृद्ध भारत बनाएंगे। सम्मेलन में स्वामी अवधेशानंदगिरि महाराज ने कहा- हमारी संस्कृति
सबको साथ लेकर चलने की है। विश्वभर में भारत सबसे सहिष्णु देश है। सब मिलकर राष्ट्र निर्माण में योगदान दें और भारत को सशक्त-समृद्ध और खुशहाल राष्ट्र बनाएं। समारोह में मुनि चिदानंद सरस्वती, शेख सलीम अलतमन (ओमान), सूफी संत जम्मन, गेरी डोलमा (तिब्बत), सिंहस्थ केंद्रीय समिति के अध्यक्ष माखनसिंह, भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा, पत्रकार वेदप्रताप वैदिक सहित अन्य मौजूद थे। सम्मेलन में हिंसा-आतंकवाद, दंगा मुक्त, छुआछूत-विषमता मुक्त भारत की स्थापना का संकल्प भी लिया गया। इससे पहले राष्ट्र रक्षा महायज्ञ और राष्ट्र रक्षा महाकुंभ के वैश्विक सम्मेलन (सशक्त-समृद्ध भारत, हिंसामुक्त-विषमता मुक्त विश्व) की शुरुआत सुबह शोभायात्रा के साथ हुई।

भारत माता की जय नहीं, मादरे वतन भी कहेंगे तो चलेगा
आरएसएस की राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच के संस्थापक इंद्रेश कुमार ने कहा- संस्कृत में वंदे मातरम, हिंदी में भारत माता की जय, अंग्रेजी में सेल्यूट मदर लैंड- इंडिया, उर्दू-फारसी में मादरे वतन जिंदाबाद-जिंदाबाद कहते हैं। भारत माता की जय और नारों के नाम पर देश को बांटने की कोशिश नहीं करें। जो नेता ऐसा कर रहे है, वे या तो अज्ञानी है या उनमें इंसानियत नहीं है या नफरत-हिंसा फैलाना चाहते हैं।उन्होंने कहा-जो भारत में पाकिस्तान जिंदाबाद कहते है या पाकिस्तान का झंडा लहराते है। ऐसे लोगों को देश से प्रेम नहीं है। उन्हें ना तो जेल में बंद करना चाहिए ना ही फांसी की सजा देना चाहिए। हम अहिंसा को मानने वाले है ऐसे लोगों को परिवार सहित पाकिस्तान भेज देना चाहिए। सबकुछ चलेगा लेकिन देशभक्ति, देशप्रेम से समझौता नहीं चलेगा।

एकता का संदेश लेकर आए

एकता का संदेश, अमन का पैगाम लेकर हम आए थे। यहां से यहीं संदेश लेकर जा रहे हैं। मुल्क सबसे पहले है, इसके आयोजक आरएसएस है या कोई और इससे फर्क नहीं पड़ता। जरूरी यह है कि हम मुल्क की तरक्की में भागीदार बने। सूफी शाहपीर मुसाहिद उज्जमन किश्ती, (भोपाल)

''भारत को सशक्त बनाने के लिए जाति-पंथ से उपर उठकर प्रयास की जरूरत है। सिंहस्थ में हुए इस आयोजन में यहीं संकल्प हमने लिया। एक अच्छे कार्यक्रम के भागीदार बने, यह बड़ी बात हैं।'

इनायत हुसैन कुरैशी, इंदौर।
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