Wednesday 18 May 2016

स्वरूपानंद के लोग मुझे जान से मारना चाहते हैं : वासुदेवानंद


ज्योतिष शंकराचार्य पीठ की चल रही लड़ाई को लेकर मंगलवार को वासुदेवानंद ने कहा कि स्वरूपानंद सरस्वती के लोग पिस्टल लेकर घूम रहे हैं। वे मुझे मारना चाहते हैं। लेकिन मैं भी डरकर बैठने वालों में से नहीं हूं। आश्रम से लेकर सिंहस्थ तक खुलेआम घूम रहा हूं। असली-नकली की बात ही नहीं, पीठ पर मैं बैठा हूं तो शंकराचार्य भी मैं ही हूं। उसके साथ कुछ फ्राड लोग इकट्ठा हैं, जो मेरे खिलाफ षडयंत्र करते रहते हैं।

हरिफाटक स्थित सिंहस्थ कैंप में पत्रकारों से चर्चा करते हुए शंकराचार्य वासुदेवानंद ने पीठ की परंपरा
और पिछले शंकराचार्यों के मनोनयन की जानकारी देते हुए खुद को उस परंपरा के तहत मनोनीत होना बताया। उन्होंने यह भी कहा कि करपात्री महाराज किसी को शंकराचार्य नियुक्त नहीं कर सकते, वे खुद शंकराचार्य ब्रह्मानंद महाराज के शिष्य हैं। उन्होंने कहा कि मैं स्वरूपानंद सरस्वती को चुनौती देता हूं कि वे यह बात सार्वजनिक करें कि किस परंपरा से हैं, कौनसी परंपरा से शंकराचार्य हैं। उन्हें किस शंकराचार्य ने उत्तराधिकारी बनाया है। ज्योतिषपीठ शंकराचार्य स्वामी ब्रह्मानंद महाराज की कौनसी वस्तु या संपत्ति स्वरूपानंद सरस्वती के पास है जो परंपरा में मिली हो। मैं कहता हूं इसमें से स्वरूपानंद सरस्वती के पास कुछ नहीं हैं, क्योंकि वे कभी उस परंपरा के रहे ही नहीं हैं। वे मुझसे 17 बार हारे हैं, अब 18वीं बार सिविल कोर्ट का कोई आदेश दिखाकर प्रोपगेंडा कर रहे हैं।

स्वामी स्वरूपानंद ने किया पलटवार

कौन असली है, कौन नकली है, सबको पता है। मैं अब इस मामले में ज्यादा नहीं बोलना चाहता। कोर्ट ने भी फैसला सुना दिया है। मुझे किसने नियुक्त किया और मेरे पास क्या संपत्ति है, यह कोर्ट को मैं बता चुका हूं। वासुदेवानंद के सवालों का जवाब क्यों दूं। वे जानना चाहते हैं तो कोर्ट से निकलवा सकते हैं। उन्हें तो शंकराचार्य लिखने का भी हक नहीं है।’– स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती, शंकराचार्य, ज्योतिष पीठ
‘अंधेर नगरी चौपट राजा’ शीर्षक से पर्चे बांटे

पत्रकारों से चर्चा के दौरान अखिल भारतीय श्री धर्मरक्षा सेना के राष्ट्रीय संयोजक जानकीशरण अग्रवाल ने एक पंपलेट भी दिया। जिसका शीर्षक स्वामी स्वरूपानंद ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य नहीं तथा अंधेर नगरी चौपट राजा...था। पंपलेट में पीठ परंपरा, अब तक बने शंकराचार्य की जानकारी और स्वामी स्वरूपानंद से किए गए सवाल शामिल हैं।

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