Friday 13 May 2016

बाउंसर्स के घेरे में तलवार लहराते निकली किन्नरों की 'सवारी'


आदि शंकराचार्य जयंती पर किन्नर अखाड़े ने बुधवार को गंधर्व घाट पर अमृत स्नान किया। इसे उन्होंने अपना दूसरा शाही स्नान माना। ढोल-ताशे पर नाचते-गाते किन्नर जुलूस के रूप में कैंप से निकले। बता दें कि किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी बिग बॉस -5 में सनी लियोनी के साथ शो कर चुकी हैं।


बाउंसर्स के घेरे में पहुंचे किन्नर...

-100 से ज्यादा किन्नर बग्घियों में और पैदल चल रहे थे। इनकी सुरक्षा बाउंसर ने संभाल रखी थी।-जुलूस की अगुआई अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर
लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी ने की। वे घोड़े पर सवार थीं। कभी वे तलवार लहरा रही थीं तो कभी लोगों को आशीर्वाद देते चल रही थीं।
-सुबह 11.30 बजे कैंप से जयघोष के साथ जुलूस शुरू हुआ। सबसे आगे ध्वज था। पीछे पालकी। इसमें आदि शंकराचार्य की तस्वीर और किन्नरों की आराध्य देवी बहुचरा माता की मूर्ति थी।
-10 बग्घियों में किन्नर सफेद-लाल साड़ी में शामिल हुए। जुलूस में आकर्षण का केंद्र लक्ष्मीनारायण थी। उनका आशीर्वाद लेने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे।
-चार बाउंसर ने उनके आसपास सुरक्षा घेरा बना रखा था। ढाई घंटे में जुलूस गंधर्व घाट पहुंचा। यहां मंत्रोच्चार के बीच पूजन हुआ।

महाकाल के जयघोष के बीच स्नान...

-आदि शंकराचार्य की तस्वीर को और बहुचरा माता की मूर्ति को स्नान करवाया। इसके बाद सभी किन्नरों ने भगवान महाकाल के जयघोष के बीच स्नान किया। लक्ष्मीनारायण सिर पर बहुचरा माता की तस्वीर लिए हुए थे।
-10 मिनट स्नान किया और किन्नर लौट गए। लक्ष्मीनारायण ने कहा- आदि शंकराचार्य सनातन धर्म के मूल आधार हैं। हमने उनको सम्मान देने के उद्देश्य से उनकी जयंती पर स्नान किया और उनके चित्र को भी शाही स्नान करवाया।

तीन पीठाधीश्वर बने, दो महंत

-किन्नर कैंप में अमृत स्नान के साथ ही तीन नए पीठाधीश्वर और एक को महंत बनाया गया। बबली माई (दिल्ली), काजल गुरु (राजस्थान) और बद्रूमाई (शाजापुर) को पीठाधीश्वर, शबनम गुरु (फरीदाबाद) और गौरी लक्ष्मी गुरु को महंत बनाया गया।
-सुबह कंठी, तिलक और शाल ओढ़ाकर इनका पट्टाभिषेक किया गया।
-किन्नर अखाड़े के संस्थापक ऋषि अजयदास के अनुसार दो को पीठाधीश्वर और एक को महंत बनाया जाना था। हालांकि, बुधवार सुबह बदलाव किया गया।
-तीन को पीठाधीश्वर और दो को महंत बनाया गया। इससे पहले कैंप में 2 मई को लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी को आचार्य महामंडलेश्वर और 10 अन्य पीठाधीश्वर-महंत बनाया था।

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