Monday 9 May 2016

कैंप में चार दिन से कीचड़ जमा, अफसर झांकने तक नहीं आए


सिंहस्थ में साधु-संतों की प्रशासन के प्रति नाराजी लगातार सामने आ रही है। हाल ही में एक संत ने अफसरों से नाराज होकर पूरा खाद्यान्ना सड़क पर फेंक दिया था और अब महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम उदासी जी ने प्रशासन को अल्टीमेटम दे दिया है।उनके कैंप में चार दिनों से कीचड़ जमा है। कई बार अफसरों को सूचित किया लेकिन कोई झांकने तक नहीं आया। कैंप की व्यवस्था नहीं सुधरी तो वे अमृत स्नान में हिस्सा नहीं लेंगे। अव्यवस्थाओं से नाराज होकर उन्होंने कैंप छोड़ वापस लौटने की तैयारी भी कर ली है।

श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम उदासी का कैंप बड़नगर रोड पर हरि सेवा ध्ााम उदासीन आश्रम के नाम से लगा है। बारिश से कैंप में व्यवस्थाएं बिगड़ गई थीं। सीवरेज तथा बारिश का पानी जमा हो गया था। जिससे खाद्यान्न, बिस्तर, कपड़े आदि सब खराब हो गए।
अफसरों को स्वामीजी द्वारा सूचित किया गया लेकिन सिर्फ आश्वासन मिला। कोई झांकने तक नहीं आया। स्वामीजी ने बताया कि अव्यवस्थाओं के कारण अधिकांश अनुयायी कैंप छोड़ कर जा चुके हैं। किसी को ठहराने तक की जगह नहीं है। जो अतिथि आ रहे हैं, उनसे हाथ जोड़कर क्षमा मांगनी पड़ रही है। कैंप में न भागवत कथा हो रही है और न ही रासलीला। लगातार प्रयास के बावजूद अपनी उपेक्षा से नाराज स्वामीजी ने रविवार को कैंप समेटने का निर्णय लिया। इसकी सूचना जैसे ही अफसरों को लगी तो वे दौड़ते हुए शिविर स्थल तक पहुंचे। तब तक कुछ टेंट अनुयायियों द्वारा निकाला जा चुके थे। अफसरों ने स्वामीजी को आश्वस्त किया। इस पर उन्होंने प्रशासन को अल्टीमेटम दिया कि कैंप की व्यवस्था तत्काल नहीं सुधरी तो वे अमृत स्नान में हिस्सा नहीं लेंगे।
महामंडलेश्वर नगर में क्यों दी संस्थाओं को जगह महामंडलेश्वर नगर जैसे प्रमुख स्थान पर संस्थाओं को जमीन देने के प्रशासन के निर्णय का स्वामीजी ने विरोध किया। उन्होंने कहा कि यहां पंथों और समाजों को जगह देने का क्या औचित्य। क्या वे स्नान में हिस्सा लेते हैं। ये स्थान साधु-संतों के लिए है। सरकार सिर्फ औपचारिकता कर रही है।
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