Monday 16 May 2016

सिंहस्थ : पर्व स्नान पर आए 30 लाख श्रद्धालु, यात्रियों की संख्या 5 करोड़ पार


 सिंहस्थ के चौथे पर्व स्नान पर रविवार को करीब 30 लाख श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। शिप्रा के घाटों से लेकर शहर में जहां भी नजर गई, वहां श्रद्धालु ही नजर आ रहे थे। हालत यह रही कि आधे से ज्यादा मेला क्षेत्र और ज्यादातर सड़कें नो व्हीकल जोन करनी पड़ीं।
सिंहस्थ के अब तक हुए स्नान पर्वों में सबसे ज्यादा भीड़ रविवार को उमड़ी। शनिवार और रविवार को 8 किमी लंबे घाटों पर अंधिकांश समय भीड़ कम नहीं हुई। इस दौरान करीब 30 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने शिप्रा में स्नान किया। इंदौर की तरफ से लगभग 1 लाख से ज्यादा वाहन उज्जैन पहुंचे, जिससे इंदौर-उज्जैन रोड सहित मेला क्षेत्र में कई बार जाम की स्थित बनी। इसके पहले हुए
पर्व स्नानों में यात्रियों की संख्या 5 से 10 लाख रही है। रविवार को मेला क्षेत्र में चारों तरफ भीड़ नजर आ रही थी। जबरदस्त भीड़ ने संतों का उत्साह भी बढ़ा दिया है। 21 मई को अंतिम शाही स्नान है। 17, 19 व 20 मई को पर्व स्नान भी होंगे। यानी अब पूरे सप्ताह मेले में यात्रियों की जबरदस्त भीड़ रहेगी।


3061 एकड़ में फैले मेला क्षेत्र को पैदल ही नापना पड़ रहा है भीड़ अधिक होने के कराण श्रद्धालुओं को 3061 एकड़ में फैले मेला क्षेत्र को पैदल ही नापना पड़ रहा है।लेकिन उनके चेहरों पर थकान नजर नहीं आती। शिप्रा में डुबकी और अपने पसंद के संत के दर्शन कर वे अपने को धन्य मान रहे हैं। उनके चेहरों पर संतोष की मुस्कान नजर आती है। ग्रामीण क्षेत्रों से आए यात्री अपने साथ अपना भोजन और विश्राम के लिए बिछौना तक लेकर आए हैं। 43 डिग्री तापमान में झुलसाती दोपहर में महिलाओं, बच्चों को साधु-संतों के पंडालों में सुस्ताते भी देखा गया। शनिवार को शहर पहुंच चुके यात्रियों ने रविवार तड़के स्नान कर घर की रवानगी ले ली या शहर के प्राचीन मंदिरों में देवदर्शन कर पुण्य लाभ लिया। रविवार देर रात और सुबह से आ रहे यात्रियों का रेला शिप्रा की ओर बढ़ता रहा। रामघाट, दत्त अखाड़ा घाट, मंगलनाथ, सिद्धवट, त्रिवेणी, गऊघाट, भूखी माता घाट आदि पर रविवार रात तक भीड़ देखी गई।
प्रशासन के दावों के बावजूद लोगों को चलना पड़ा चार-पांच किमी पैदल प्रशासन के लाख दावों के बावजूद यात्रियों को चार से पांच किमी पैदल चलना पड़ा। भीड़ ज्यादा होने से प्रशासन को मेला क्षेत्र में चार पहिया वाहनों का प्रवेश और काफी हद तक दो पहिया वाहनों का प्रवेश भी रोकना पड़ा। यात्रियों को सांवराखेड़ी सैटेलाइट टाउन, इंजीनियरिंग कॉलेज, मुल्लापुरा, आगररोड, उन्हेल रोड पर रोकने के बाद उन्हें मेला क्षेत्र में जाने के लिए सिटी बस या अन्य वाहन भी नहीं मिले। पुलिस जैसे-तैसे कुछ वाहनों को पकड़ कर वहां पहुंचाने का प्रयास करती दिखी। भीड़ ज्यादा होने से यात्रियों को भले यह दूरी तय करने में ज्यादा थकान नहीं लग रही थी लेकिन तेज धूप में चलना उन्हें अखर जरूर रहा था।

पसीने से तरबतर यात्री नजदीकी घाटों पर स्नान के लिए पहुंचे। गऊघाट, लालपुल, भूखीमाता, कर्कराज के घाटों पर भीड़ बनी रही। रणजीत हनुमान पार्किंग तक वाहनों के आने से भी यात्रियों को कुछ राहत मिली।
प्रभारी मंत्री का दावा, सिंहस्थ में अब तक यात्रियों की संख्या 5 करोड़ पार सिंहस्थ प्रभारी मंत्री भूपेंद्रसिंह ने दावा किया है कि सिंहस्थ में आने वाले यात्रियों की संख्या 5 करोड़ पार कर गई है और अंतिम शाही स्नान 21 मई तक यह आंकड़ा 7 करोड़ पार चला जाएगा। उन्होंने अपने दावे का आधार पुलिस द्वारा हेड काउंट और वाहनों की गिनती करना बताया। उनका कहना था कि सबसे ज्यादा भीड़ 21 मई को आएगी। उन्होंने दावा किया कि रोज 25 लाख तक लोगों का आगमन हुआ है। मेला कार्यालय में मीडिया से रूबरू हुए मंत्री ने कहा कि यात्रियों पर आंधी-तूफान का कोई असर नजर नहीं आया। मौसम साफ होते ही यात्रियों की भीड़ फिर से उमड़ने लगी। उन्होंने कहा कि मेले की व्यवस्थाओं की प्रशंसा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी है। संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत ने मेले के मैनेजमेंट को अचंभित करने वाला बताया। सिंहस्थ क्राउड मैनेजमेंट और स्वच्छता के मामले में रोड मॉडल बन गया है।उन्होंने स्वीकार किया कि मेले में धूल की समस्या है। कैमिकल ट्रीटमेंट महंगा होने से इसे निरस्त कर दिया गया था। प्रभारी मंत्री ने कहा कि मेले में कई नामी लोग पहुंचे और व्यवस्थाओं की प्रशंसा की है।

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