अभी संसार से उनका ठीक से नाता जुड़ा भी नहीं है, लेकिन गुरु की प्रेरणा से उन्होंने संन्यास का पथ स्वीकार कर लिया है। दीक्षा 12 वर्ष बाद होगी, लेकिन संन्यासियों सी कठोर अनुशासित जीवन शैली अभी से अपनाना होगी। सिंहस्थ में संन्यास का उल्लास बचपन तक में नजर आ रहा है। शनिवार को महज नौ वर्ष की उम्र में सर्वमंगला ने संन्यास की ओर पहला कदम बढ़ाया है। जब उनसे पूछा गया तो वे यह नहीं बता पाईं की संन्यास क्यों ले रही हैं, लेकिन विचारों
की दृढ़ता और गुरु के प्रति समर्पण में उनके मनोभाव साफ झलक रहे थे।
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