Wednesday 27 April 2016

महिलाओं के मंदिर प्रवेश पर रोक की परंपरा सही

उज्जैन। सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी को लेकर सुप्रीम कोर्ट के एतराज के बीच जूना अखाड़े की महामंडलेश्वर सुनीतानंदजी गिरि ने पाबंदी का समर्थन किया है। उनका साफ कहना है कि सनातन धर्म की जो परंपराएं हैं, उनका वैज्ञानिक आधार हैं। इनसे छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए। जिन मंदिरों में महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी है, उचित है।

ऋषियों ने बनाए नियम

माई के नाम भक्तों के बीच प्रसिद्ध सुंदरबनी (राजौरी,
जम्मू-कश्मीर) की संत ने कहा कि शारीरिक दृष्टि से महिलाओं को हर समय धर्मस्थल पर प्रवेश नहीं दिया जा सकता। चूंकि समय विशेष के लिए कोई नियम नहीं बनाया जा सकता था और इसके टूटने का भी डर था, इसलिए ऋषियों ने इस तरह के नियम बनाए। भगवान सबके होते हैं और किसी में भेद नहीं करते। हालांकि शारीरिक बाधाओं को देखते हुए हमें नियमों का पालन करना चाहिए। इसमें पक्षपात जैसी कोई बात नहीं।

200 भक्तों से संग उज्जैन में

सिंहस्थ में उज्जैन आईं माईं कहारवाड़ी में पुरुषोत्तम धर्मशाला में विराजित हैं। यहां बड़ी संख्या में भक्त दर्शन के लिए उमड़ रहे हैं। सुंदरबनी से 200 भक्त साथ आए हैं।


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