आपातस्थिति से निपटने विभाग ने की है व्यापाक तैयारियां कन्ट्रोल रूम के दूरभाष नम्बर 4061041 है
उज्जैन । सिंहस्थ महापर्व में श्रृद्धालुओं एवं आमजनों की स्वास्थ्य रक्षा एवं समुचित स्वास्थ्य देखभाल के लिये स्वास्थ्य विभाग द्वारा व्यापक स्तर पर स्वास्थ्य उपचार सुविधाओं के इंतजाम किये गये है। आपात स्थिति से निपटने के लिये प्रभावी व्यवस्था बनाई गई है। मेला क्षेत्र में अस्थाई डिस्पेन्सिरी, सेटेलाईट हास्पिटल एवं मोबाईल डिस्पेन्सरी के साथ ही शहरी डिस्पेन्सरी में महिला एवं पुरूष हेतु अलग-अलग वार्ड स्थापित किये गये हैं।
आकस्मिक चिकित्सा वाहन 108 एवं एम्बुलेंस 24 घंटे तैनात है। स्वास्थ्य संचालक एवं सिंहस्थ मेला प्रभारी डॉ.के.एल.साहू ने बताया कि आकस्मिक आपदा प्रबंध के लिये जिले के अन्य शासकीय चिकित्सालयों के साथ ही निजी अस्पताल की भी भागीदारी सुनिश्चित की गई है। आपातस्थिति में प्रभावी रूप से स्वास्थ्य देखभाल एवं समुचित उपचार के लिये शासकीय एवं निजी चिकित्सालयों में 1755 शौय्याओं की व्यवस्था भी बनाई गई है। जिसमें मेला क्षेत्र में 218 शैय्याएं शामिल है। डॉ.साहू ने बताया है कि किसी भी आकस्मिक परिस्थिति में विभाग द्वारा बनाये गये कन्ट्रोल रूम के दूरभाष न. 0734-4061041 पर सम्पर्क कर त्वरित स्वास्थ्य सेवायें प्राप्त की जा सकती है।
मेले में आने वाले साधु-संतों, श्रृद्धालुओं एवं आमजन के स्वास्थ्य देखभाल के लिये बाहृय रोगी विभाग के जरिये मुधमेह, उच्च रक्चाप के जॉच, उपचार एवं परार्मश सहित मौसमी बीमारियों मसलन उल्टी-दस्त,पेचिश, डायरिया, लू लगना व अन्य सामान्य किस्म की बीमारियों के इलाज हेतु पूर्णत: नि:शुल्क स्वास्थ्य सेवा के प्रबंध किये गये हैं। गंभीरता की स्थिति में मरीजों को समुचित स्वास्थ लाभ के लिये समस्त संसाधनों-उपकराणों से सुसज्जित मुख्य शासकीय चिकित्सालय तक आने-जाने हेतु एम्बुलेंस वाहन, आकस्मिक चिकित्सा वाहन 108 की तैनाती की गई है। मेला अवधि दौरान चिकित्सक सहित समस्त स्वास्थ्य सेवा प्रदाता 24x7 आमजनों को समुचित स्वास्थ्य उपचार देने अपनी सेवाएं देंगे। प्राकृतिक अथवा आकस्मिक आपदा प्रबंधन विशेषकर व्यक्ति के डूबने, भीड़-भाड़ अथवा धक्का-मुक्की की स्थिति में घायल व्यक्तियों को स्वास्थ्य लाभ देने व शार्ट सर्किट या अन्य कारण से लगने वाली आग,
एसिड अटैक तथा लू लगना, विषाक्त भोजन एवं वाहन दुर्घटना जैसी असामान्य परिस्थितियों से निपटने के लिये भी पुख्ता इंतजाम किये गये हैं।
more on: http://goo.gl/vk2r4f
उज्जैन । सिंहस्थ महापर्व में श्रृद्धालुओं एवं आमजनों की स्वास्थ्य रक्षा एवं समुचित स्वास्थ्य देखभाल के लिये स्वास्थ्य विभाग द्वारा व्यापक स्तर पर स्वास्थ्य उपचार सुविधाओं के इंतजाम किये गये है। आपात स्थिति से निपटने के लिये प्रभावी व्यवस्था बनाई गई है। मेला क्षेत्र में अस्थाई डिस्पेन्सिरी, सेटेलाईट हास्पिटल एवं मोबाईल डिस्पेन्सरी के साथ ही शहरी डिस्पेन्सरी में महिला एवं पुरूष हेतु अलग-अलग वार्ड स्थापित किये गये हैं।
आकस्मिक चिकित्सा वाहन 108 एवं एम्बुलेंस 24 घंटे तैनात है। स्वास्थ्य संचालक एवं सिंहस्थ मेला प्रभारी डॉ.के.एल.साहू ने बताया कि आकस्मिक आपदा प्रबंध के लिये जिले के अन्य शासकीय चिकित्सालयों के साथ ही निजी अस्पताल की भी भागीदारी सुनिश्चित की गई है। आपातस्थिति में प्रभावी रूप से स्वास्थ्य देखभाल एवं समुचित उपचार के लिये शासकीय एवं निजी चिकित्सालयों में 1755 शौय्याओं की व्यवस्था भी बनाई गई है। जिसमें मेला क्षेत्र में 218 शैय्याएं शामिल है। डॉ.साहू ने बताया है कि किसी भी आकस्मिक परिस्थिति में विभाग द्वारा बनाये गये कन्ट्रोल रूम के दूरभाष न. 0734-4061041 पर सम्पर्क कर त्वरित स्वास्थ्य सेवायें प्राप्त की जा सकती है।
मेले में आने वाले साधु-संतों, श्रृद्धालुओं एवं आमजन के स्वास्थ्य देखभाल के लिये बाहृय रोगी विभाग के जरिये मुधमेह, उच्च रक्चाप के जॉच, उपचार एवं परार्मश सहित मौसमी बीमारियों मसलन उल्टी-दस्त,पेचिश, डायरिया, लू लगना व अन्य सामान्य किस्म की बीमारियों के इलाज हेतु पूर्णत: नि:शुल्क स्वास्थ्य सेवा के प्रबंध किये गये हैं। गंभीरता की स्थिति में मरीजों को समुचित स्वास्थ लाभ के लिये समस्त संसाधनों-उपकराणों से सुसज्जित मुख्य शासकीय चिकित्सालय तक आने-जाने हेतु एम्बुलेंस वाहन, आकस्मिक चिकित्सा वाहन 108 की तैनाती की गई है। मेला अवधि दौरान चिकित्सक सहित समस्त स्वास्थ्य सेवा प्रदाता 24x7 आमजनों को समुचित स्वास्थ्य उपचार देने अपनी सेवाएं देंगे। प्राकृतिक अथवा आकस्मिक आपदा प्रबंधन विशेषकर व्यक्ति के डूबने, भीड़-भाड़ अथवा धक्का-मुक्की की स्थिति में घायल व्यक्तियों को स्वास्थ्य लाभ देने व शार्ट सर्किट या अन्य कारण से लगने वाली आग,
एसिड अटैक तथा लू लगना, विषाक्त भोजन एवं वाहन दुर्घटना जैसी असामान्य परिस्थितियों से निपटने के लिये भी पुख्ता इंतजाम किये गये हैं।
more on: http://goo.gl/vk2r4f
No comments:
Post a Comment