जिस क्षण की प्रतीक्षा 12 वर्षों से की जा रही थी, वह आ गया है। महाकाल की पावन नगरी और पतित पावनी मां शिप्रा के आंचल में शाही स्नान के लिए हजारों साधु-संतों का हुजूम उमड़ पड़ा।मोक्षदायिनी शिप्रा में आध्यात्म का अनूठा संगम तड़के 4 बजे आरंभ हो गया था। हजारों नागा साधुओं और महामंडलेश्वरों ने आस्था की डुबकी लगाई। वहीं कई जगह अव्यवस्था भी देखने को मिली।
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