Wednesday 27 April 2016

हेल्प लाइन पर संतों की रोज 400 शिकायतें

उज्जैन। अरबों स्र्पए खर्च करने के बावजूद सरकार कई साधु-संतों को पानी, शौचालय और बिजली जैसी सुविधा नहीं दे पाई है। सिंहस्थ में बनाई गई हेल्प लाइन-1100 में हो रही शिकायतों को देखकर यही कहा जा सकता है। हेल्प लाइन में हर रोज 3500 से 4 हजार तक कॉल आ रही हैं। इनमें 400 साधु-संतों से जुड़ी हैं। इसके अलावा वे हर रोज जोन कार्यालयों में जाकर समस्याएं गिना रहे हैं।

मेला क्षेत्र को कुल छह जोन में बांटा गया है। इनमें दत्त अखाड़ा, महाकाल, मंगलनाथ व काल भैरव जोन ज्यादा महत्वपूर्ण है। सभी में पानी, शौचालय की परेशानी है। इन्हें साधु-संत जहां मौखिक व लिखित रूप में अफसरों को बता रहे हैं, वहीं सिंहस्थ हेल्प लाइन में भी कॉल कर रहे हैं।
मेला क्षेत्र में बने 50 हजार शौचालय
मेला क्षेत्र में करीब 50 हजार शौचालय बने हैं। इनमें से सैकड़ों तक उपयोग से पहले ही लापरवाही की भेंट चढ़ गए। कईयों के दरवाजे टूट गए तो सैकड़ों ऐसे भी हैं, जो अब तक पानी की लाइन नहीं जुड़ पाए हैं। जानकारी के अनुसार 50 हजार शौचालय बनने हैं। इसके लिए सरकार ने निजी कंपनी को प्रति शौचालय 20 हजार रुपए दिए हैं। कंपनी उक्त शौचालयों का महीनेभर मैंटेनेंस भी करेगी।
95 काउंसलर कर रहे ड्यूटी
सिंहस्थ मेला कार्यालय में बने कक्ष में 28 दिसंबर-15 से सिंहस्थ हेल्प लाइन-1100 की शुरुआत हुई थी। शुरुआत में 6 घंटे और 1 अप्रैल से हेल्प लाइन 24 घंटे के लिए शुरू हो गई। कुल 95 काउंसलर ड्यूटी कर रहे हैं।
इतनी राशि हुई खर्च
- 36.58 करोड़ स्र्पए लागत से मेला क्षेत्र में पाइप लाइन
- पेयजल के लिए सामग्री की व्यवस्था 16.39 करोड़ स्र्पए से
- नलकूप में पॉवर पंप एवं हैंडपंप कार्य 3.22 करोड़ स्र्पए से
- सेटेलाइट टाउन में जल व्यवस्था एवं गंदे पानी का निष्पादन के लिए 3.46 करोड़ स्र्पए। स्रोत : प्रशासन के अनुसार। इसके अलावा अन्य कार्यों में भी राशि खर्च की गई है।
श्रद्धालु भी पूछ रहे- किस पंडाल में कैसे जाएं
हेल्प लाइन में सिंहस्थ के शुस्र्आती तीन दिन में 10 हजार से ज्यादा कॉल आई। पहले अमृत स्नान में कॉल की संख्या सर्वाधिक रही। हेल्प लाइन के कोर मैनेजर पुस्र्षोत्तम वनसूत्रे ने बताया ज्यादातर कॉल इंक्वायरी की थी। जिसमें श्रद्धालुओं ने संतों के पंडाल, रूट आदि की जानकारी चाही। वहीं समस्याओं की कुल 917 शिकायतें रही। उक्त शिकायतों के निराकरण के लिए संबंधित जोन में रिपोर्ट भेजी जाती है। जहां से समस्या का निराकरण होता है।
किस जोन में क्या समस्या
महाकाल जोन : अब भी कई शौचालय नहीं बने हैं। शौचालयों की साफ-सफाई ठीक ढंग से नहीं। बदबू के कारण आमजन परेशान। पानी के लिए नल तो फिटिंग कर दिए गए लेकिन कईयों को पानी के कनेक्शन से नहीं जोड़ा।
दत्त अखाड़ा जोन : कई क्षेत्रों में पानी की पाइप लाइन नहीं बिछाई। कई पंडालों में बिजली कनेक्शन नहीं दिए। सफाई व्यवस्था और शौचालय की शिकायतें भी।
मंगलनाथ जोन : सबसे ज्यादा पानी की समस्या, कई पंडालों में नहीं पहुंची पाइप लाइन। दर्जनों शौचालय अब भी अधूरे क्षेत्र की कई सड़कें कच्ची। धूल की समस्या से सभी परेशान।
काल भैरव : काल भैरव मंदिर के पास बने शौचालय को पानी की टंकी से नहीं जोड़ा गया। कई जगह पानी की पाइप लाइन लीकेज, साधु व श्रद्धालुओं को हो रही परेशानी। कई शौचालय बिना उपयोग किए टूट गए।

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