Saturday 30 April 2016

उज्जैन के लिए कम मिल रहे यात्री, फिर बढ़ सकता है बस किराया

उज्जैन। सिंहस्थ में यात्रियों की संख्या नहीं बढ़ने से बस ऑपरेटर एक बार फिर किराया बढ़ा सकते हैं। 9 अप्रैल को बस ऑपरेटरों ने प्रभारी मंत्री के साथ हुई बैठक में 22 अप्रैल से 21 मई तक किराया 25 फीसदी कम लेने का निर्णय लिया था। लेकिन कई ऑपरेटरों ने इसे भी नहीं माना। शाजापुर रूट के ऑपरेटर अब भी पूरा किराया वसूल रहे हैं। इंदौर, देवास, शाजापुर, आगर, बड़नगर व उन्हेल रोड से सर्वाधिक यात्री उज्जैन पहुंचते हैं।




एक रुपया भी कम नहीं
56 किमी के शाजापुर-उज्जैन रूट पर बस ऑपरेटरों ने एक रुपया भी कम नहीं किया है। अब भी 60 रुपए ही किराए के रूप में वसूले जा रहे हैं जबकि 25 फीसदी कम करने पर 45 रुपए होता है। शाजापुर के बस ऑपरेटरों का कहना है कि हमें कहा गया था कि प्रति सीट के मान से लिया जाने वाला टैक्स सरकार नहीं वसूलेगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

हालात उलट, बदलेंगे निर्णय प्रभारी मंत्री भूपेंद्रसिंह की अध्यक्षता में बस ऑपरेटरों की बैठक हुई थी। इसमें सिंहस्थ के दौरान बसों के किराए में 25 फीसदी कटौती करने का निर्णय लिया गया था। इसके पीछे ऑपरेटरों और अन्य संबंधित पक्षों का मानना था कि सिंहस्थ में लाखों श्रद्धालु आएंगे। बसों में सवारियां भी ज्यादा होंगी। इसलिए किराए में कमी की गई। इंदौर रूट पर दौड़ने वाली बसों का किराया घटाकर 40 रुपए कर दिया गया। बस ऑपरेटरों की मानें तो अभी हालात बिल्कुल उलट हैं। कई ऑपरेटर अपने ही निर्णय को बदलने के मूड में हैं।
खाली बसों से नुकसान देवास-उज्जैन रूट पर 30 बसेंदौड़ती हैं जो औसत 2-3 फेरे लगाती हैं। 35 किमी का किराया 35 रुपए है। 5 रुपए घटाकर 30 रुपए लिए जा रहे हैं। जबकि इंदौर-उज्जैन की 53 किमी दूर के 40 रुपए लिए जा रहे हैं। बसें खाली जाने से घाटा हो रहा है कटौती की तो है किराए को लेकर लिखित में कोई आदेश नहीं मिला। फिर भी किराए में 5 रुपए कम किए हैं। सिंहस्थ में बसों में सवारियां ही नहीं मिल रही हैं। इससे बस संचालकों को नुकसान हो रहा है।

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