Wednesday 27 April 2016

गुस्से में भवंता समाधि लेने गड्ढे में उतरीं नरेंद्र गिरि बोले-वह नौटंकी कर रही है

मिट्‌टी डली तब जागा प्रशासन 


परी अखाड़े में सोमवार को ही गड्ढा खुद गया था। मंगलवार को पूजा-अर्चना के बाद समाधि की तैयारी शुरू हो गई। मिट्टी डाली जाने लगी,तब प्रशासन की नींद खुली। ऐसे में सवाल उठा कि इसके पहले तक पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारियों का नेटवर्क कहां ध्वस्त हो गया।

पहले सख्ती फिर हाथ जोड़े 

पुलिस अधिकारी सूचना मिलते ही फोर्स के साथ परी अखाड़ा पहुंचे। यहां कुछ पुलिस अधिकारी गड्ढे में उतर गए। उन्होंने बजरंग दल दल के नेताओं व दुर्गा वाहिनी की सदस्यों को सख्ती से बाहर कर दिया। उसके बाद पुलिस व प्रशासन के अधिकारी त्रिकाल भवंता के सामने हाथ जोड़कर विनती करने लगा कि आप बाहर आ जाएं। त्रिकाल ने कहा मेरे नजदीक आने की कोशिश मत करना। एडीएम अवधेश शर्मा गड्ढे में
पहुंचे और त्रिकाल से कहा आपकी जो भी मांगें हैं,उन्हें पूरा कर दिया जाएगा। त्रिकाल ने 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया और वह बाहर आ गई।

महिला समर्थकों से पुलिसकर्मी की हाथापाई।

समर्थक ने मिट्‌टी डालना शुरू की।

पुलिसकर्मी से समर्थक की हाथापाई।

समाधि में उतरते हुए त्रिकाल भवंता।


महिला अखाड़े की उपेक्षा से नाराज परी अखाड़ा प्रमुख त्रिकाल भवंता मंगलवार दोपहर 1 बजे समाधि के लिए खोदे गए गड्ढे में उतर गईं। यहां आरती के बाद त्रिकाल भवंता गड्ढे में ध्यान मुद्रा में बैठ गई। उन्होंने आदेश दिया कि मुझे समाधि दी जाए। कार्यकर्ताओं ने उनके आसपास मिट्टी डालना शुरू कर दिया।

पुलिस की एक टुकड़ी परी अखाड़े पहुंची, यहां उन्होंने कार्यकर्ताओं को कहा कोई मिट्टी नहीं डालेगा। पुलिस ने रोकना चाहा तो त्रिकाल भवंता ने कहा मैं कह रही हूं मिट्टी डालते रहो, पुलिस अधिकारी बोले ऐसा नहीं होने देंगे। दोपहर करीब 1.25 बजे पुलिस अधिकारी सतीश द्विवेदी टीम के साथ दौड़ लगाते समाधि स्थल पहुंचे। उन्होंने त्रिकाल को गड्ढे से बाहर निकालने की कोशिश की लेकिन वह नहीं मानी। उन्होंने कहा प्रभारी मंत्री भूपेंद्र सिंह कुछ नहीं कर पाए हैं। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान को बुलाओं तब बाहर आऊंगी। इस बीच सीआरपीएफ की टुकड़ी व जिला पुलिस के करीब 50 जवान अखाड़े पहुंचे। पुलिस अधिकारियों की बात नहीं माने जाने के बाद एडीएम अवधेश शर्मा ने त्रिकाल को आश्वस्त किया कि उनकी जो भी समस्याएं हैं, उनका निराकरण कर दिया जाएगा। त्रिकाल ने 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया आैर गड्ढे से बाहर आ गईं। उन्होंने भास्कर से कहा अधिकारी भ्रष्टाचार में लगे हैं। 13 अखाड़ों की सेवा में लगे हैं, महिला अखाड़े की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री शाही स्नान में लगे हैं। दूसरी तरफ नरेंद्र गिरि का कहना है कि त्रिकाल भवंता महिला होने का नाजायज फायदा उठा रही है। वह नौटंकी कर रही है। वह बताए कि वह कहां की शंकराचार्य है, किसने बनाया है। संस्कृत का एक श्लोक नहीं पढ़ सकती। सभी 13 अखाड़ों के सही नाम बोलकर बताए। पुलिस को उनके खिलाफ आत्महत्या करने के प्रयास का प्रकरण दर्ज करें। वहीं पुलिस का कहना है समझाइश के बाद संत मान गई, इसलिए प्रकरण दर्ज नहीं किया है।

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