Tuesday 26 April 2016

संतों की नाराजगी, बोले कथा को व्यवसाय बनाने वालों को दरकिनार करें

उज्जैन. वृंदावन ललितपुर (उप्र) के श्री पहाड़ी बाबा नगर खालसा एवं श्री लक्ष्मी नृसिंह खालसा के जगद् गुरु द्वाराचार्य मलूक पीठाधीश्वर राजेंद्रदास देवाचार्यजी महाराज का कहना है कथा व चिकित्सा व्यावसाय बन गए हैं। ये समाज हित में नहीं है। इसमें बदलाव की जरूरत है। समाज ही ऐसे व्यवसायियों को दरकिनार कर सकता है। समाज में परख होना चाहिए कि उनके धन का सदुपयोग हो रहा या दुरुपयोग। बाल संतों को भी उन्होंने अपरिपक्व बताया। मंगलनाथ जोन स्थित पंडाल में प्रतिदिन श्रीमद् भागवत कथा सत्संग हो रहा है। साधु-संतों के साथ हजारों लोग भोजन प्राप्त कर रहे हैं। महाराज ने कहा हम कलियुग को कोसते हैं लेकिन स्वयं को सुधारने का प्रयास नहीं करते। कोई भी व्यक्ति अयोग्य नहीं है। योग्यता पहचानकर उसे काम दिया जाए तो परिणाम अच्छे
आएंगे। हम भगवान का आश्रय लेंगे तो जीवन में बुराई नहीं होगी और बुराई नहीं होगी तो कलियुग में पैदा होने के बाद भी हम सतयुग में होंगे। आधुनिक शिक्षा पद्धति समय की जरूरत है लेकिन घरों में समानांतर स्कूल खोलें जाएं। इनमें संस्कार की सीख दें। वर्तमान में राजनीति व राजनेता लक्ष्य विहिन व दिग्भ्रमित हो गए हैं। हर वर्गको दी सीख : बच्चे : माता-पिता के साथ गुरु से संस्कार सीखें। युवा : स्वाध्यायी बनें, स्वेच्छाचारी नहीं। समाज : भारत भूमि को गोमूत्र, गोमय व गोचरण रच से पवित्र करें। मलूकदासजी जयंती पर कल शोभायात्रा: जगद् गुरु मलूकदासजी महाराज की जयंती पर बुधवार शाम 5 बजे खाकचौक से शोभायात्रा निकाली जाएगी, जो प्रमुख मार्गों से होकर रात में खाकचौक के पास स्थित पंडाल पहुंचेगी। यहां महाराज का 442वां उत्सव मनाया जाएगा। साथ ही महाराज के पंडाल में अलवर महाराज की 110 वर्ष पहले बनाई संस्था के कलाकार राजा भर्तृहरि के नाटक का मंचन करेंगे।
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