Thursday 28 April 2016

सिंहस्थ मेले में श्रद्धालुओं की सुरक्षा में 'डॉग टीम'

सिंहस्थ में करोड़ों श्रद्धालुओं की सुरक्षा में 30 खोजी कुत्ते भी तैनात है, जो हजारों सुरक्षाकर्मियों के साथ मैदान में डटे हैं। जर्मन शेफर्ड, लेब्राडोर एवं डाबरमैन प्रजाति के ये डॉग कड़े प्रशिक्षण से गुजरे हैं। इन्हें खासतौर पर विस्फोटक सुंघाकर उसकी गंध्ा से परिचित कराया गया है। रोज सुबह से ही इनका बिजी शेड्यूल शुरू हो जाता है। महाकाल मंदिर, मेला क्षेत्र, रेलवे स्टेशन व बस स्टैंड पर इनकी मौजूदगी हमेशा दिखाई देती है।

इन प्रजाति के डॉग

- 14 जर्मन शेफर्ड


- 13 लेब्राडोर

- 3 डाबरमैन

यहां तैनाती

- महाकाल मंदिर

- मेला क्षेत्र

- रामघाट, दत्त अखाड़ा समेत प्रमुख घाट

- रेलवे स्टेशन व बस स्टैंड

- उज्जैन में प्रवेश के सभी 6 रास्ते

- राणोजी की छत्री पर 20 रिजर्व में

4 डॉग पहले से

उज्जैन में 4 डॉग पहले से है। इनमें 2 स्निफर, एक-एक नारकोटिक्स एवं टे्रकर डॉग शामिल हैं।

कड़ी ट्रेनिंग दी, यह शेड्यूल

- भोपाल स्थित पीटीएसडी में महीनेभर की ट्रेनिंग दी।

- सभी प्रकार की विस्फोटक सुंघाकर उसकी गंध से परिचित कराया गया।

- बम डिस्पोजल स्क्वॉड (बीडीएस) व बम डिडक्शन एंड डॉग स्क्वॉड (बीडीडीएस) के साथ डॉग तैनात।

- डॉग के खाने-पीने का पूरा ध्यान भी रखा जाता।

इसलिए डॉग महत्वपूर्ण प्रतिबंधित संगठन सिमी की सक्रियता पिछले कई सालों से देखने को मिली है। कई मामलों में उज्जैन का नाम देशभर में सुर्खियों में रहा। इसलिए रेलवे स्टेशन समेत प्रमुख स्थानों पर डॉग की तैनाती की गई है। ये डॉग किसी भी तरह की स्मेल को सूंघकर उसे पहचान सकते हैं। इसी खासियत के चलते पुलिस ने इन्हें सुरक्षा में तैनात किया है।

रास्तों पर भी तैनाती

सिंहस्थ मेला क्षेत्र में 30 डॉग के अतिरिक्त 20 डॉग रिजर्व रखे गए हैं। ये डॉग आसपास के जिले देवास, शाजापुर, आगर, रतलाम आदि क्षेत्रों में तैनात है।

उज्जैन में आने वाले प्रमुख 6 रास्तों पर भी इनकी सेवा ली जा रही है।

5 ओंकारेश्वर व मंडलेश्वर में

सिंहस्थ में सुरक्षा के लिए 5 डॉग ओंकारेश्वर व मंडलेश्वर भेजे गए हैं। अफसरों के अनुसार सिंहस्थ के दौरान वहां भी भीड़ रहेगी। इसलिए विशेष प्रशिक्षित डॉग

वहां गए हैं।

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